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Shiv chalisa lyrics Fundamentals Explained

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दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥ प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥ एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं https://shivchalisas.com

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